25 और एयरपोर्ट से सरकार ने बनाया

25 और एयरपोर्ट से सरकार ने बनाया

 25 और एयरपोर्ट से सरकार ने बनाया कमाई का नया जुगाड़, जानिए कैसे और क्या होगा हवाई जहाज से सफर करने वालों का कोरोना

National Monetization Plan: देश में बीते समय में हवाई जहाज का सफर करने वालों की संख्‍या बढ़ी है. अब हवाई चप्‍पल वाला भी अब हवाई जहाज का सफर कर रहा है. देश के घरेलू एयर ट्रैफिक में लगातार इजाफा हो रहा है. इस साल नवंबर में 1.05 करोड़ लोगों ने हवाई सफर किया. सालाना आधार पर यह संख्‍या 64 प्रतिशत ज्‍यादा है. अक्‍टूबर में यह संख्‍या लगभग 90 लाख और सितंबर में 70 लाख थी. लोगों की

अब खबर तो ये है कि हवाई यात्रियों की इस बढ़ी संख्‍या ने सरकार के लिए कमाई का एक नया रास्ता खोला है. सरकार ने नेशनल मोनेटाइजेशन प्‍लान में 25 एयरपोट्र्स को शामिल किया है.


















क्या है सरकार का नया प्लान

अगले तीन साल में 25 एयरपोर्ट निजी हाथों में चले जाएंगे. इन एयरपोट्र्स का चयन वार्षिक ट्रैफ‍िक और प्रस्‍तावित पूंजी खर्च योजना के आधार पर किया गया है.

इन एयरपोर्ट में भुवनेश्वर, वाराणसी, इंदौर, रायपुर, नागपुर, पटना, सूरत, रांची, चेन्‍नई, भोपाल और देहरादून आदि शामिल हैं. इनमें अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्‍वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची एयरपोर्ट को ब्राउनफील्‍ड पीपीपी मॉडल पर मॉनेटाइज्‍ड किया जाएगा.

वित्‍त वर्ष 2022-23 में कालीकट, कोयम्‍बटूर, नागपुर, पटना, मदुरई, सूरत, रांची और जोधपुर एयरपोर्ट को बेचा जाएगा. इसके बाद वित्‍त वर्ष 2023-24 में चेन्‍नई, विजयवाड़ा, तिरुपति, वडोदरा, भोपाल और हुबली एयरपोर्ट का नंबर आएगा. सबसे आखिर में इम्‍फाल, अगरतला, उदयपुर, देहरादून और राजामुन्‍द्री एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपा जाएगा.







अब आइए समझते हैं आखिर सरकार ऐसा कर क्‍यों रही है

दरअसल कोरोना महामारी ने पिछले साल 137 में से 133 एयरपोर्ट्स  को भारी घाटे में धकेल दिया है. अधिकांश एयरपोर्ट्स पिछले तीन वित्‍तीय वर्षों से लगातार नुकसान में हैं.

सरकार के इस फैसले का आप पर पड़ने वाले असर को देखा जाए तो प्राइवेट कंपनियां बेहतर सर्विस के लिए आपसे शुल्‍क वसूलेंगी. यानी हवाई टिकट में एयरपोर्ट चार्जेज का हिस्‍सा बढ़ जाएगा.हवाईअड्डों के निजीकरण के तीसरे चरण के तहत करीब 10 एयरपोर्ट के लिए अवार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सरकार की तरफ से बताया गया था कि फायदे में चल रहे और नुकसान का सामना कर रहे हवाई अड्डों को एक पैकेज के तहत किस तरीके से निजीकरण किया जा सकता है.इसकी समीक्षा भी एएआई कर रही है. जो खबरें एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर आई थीं उनके मुताबिक पहले चरण में 6 से 10 एयरपोर्ट का चयन किया जाएगा.

इसके अलावा इन एयरपोर्ट को 50 साल के लिए निजी क्षेत्र को सौंप दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि उसका पूरा ध्यान देशभर के 100 एयरपोर्ट के विकास पर है.

एएआई को साल 2018 से 2021 तक हुए फायदों के बारे में भी सदन को जानकारी दी. सरकार की तरफ से पिछले तीन वर्षों के अंदर गुजरात के अहमदाबाद, राजस्‍थान के जयपुर, उत्‍तर प्रदेश के लखनऊ, असम के गुवाहाटी, केरल के तिरुअनंतपुरम और कर्नाटक के मेंगलुरु एयरपोर्ट को बेस्‍ट एयरपोर्ट का अवॉर्ड दिया गया है.

सरकार की तरफ से कुछ माह पहले बताया गया था कि वो साल 2022 से एयरपोर्ट के निजीकरण को लेकर तैयारी शुरू कर रही है. इसके लिए एएआई को निजीकरण की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा गया था.सरकार का मानना है कि निजीकरण के बाद एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं में इजाफा होगा. इसका मसकद यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं उपलब्‍ध कराना है





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