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Indian Railway: ट्रेन में दो तरह से ले जा सकते हैं अपनी बाइक, जानिए क्या है पार्सल से जुड़ा नियम?




Indian Railway: हम अक्सर अपने काम के सिलसिले में एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करते रहते हैं। ऐसे में हमें पूरे घर को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ता है। अगर आप भी काम के सिलसिले में ऐसा करते हैं तो शिफ्टिंग के इस दर्द को आप बहुत अच्छे से समझ गए होंगे। हालांकि, आजकल ऐसे कई विकल्प हैं जहां आप कुछ पैसे खर्च करके अपने घर के सामान को आसानी से शिफ्ट कर सकते हैं। वहीं अगर आपके घर में कार है तो आप उसे ड्राइव करके नए शहर में जा सकते हैं। लेकिन बाइक के मामले में ऐसा नहीं है। आप बाइक की सवारी करके लंबी दूरी तय नहीं कर सकते। ऐसे में आप रेलवे Railway कुरियर की मदद लेते हैं। अगर आप भी नए शहर में ट्रेन के जरिए अपनी बाइक को ले जाना चाहते हैं तो ये खबर आप के लिए ही है।

ट्रेन के जरिए बाइक को कैसे ले जा सकते हैं?

ट्रेन के जरिए आप बाइक को दो तरीके से ले जा सकते हैं। पहला बतौर लगेज या दूसरा पार्सल के तौर पर आप इसे ले जा सकते हैं। हालांकि, ट्रांसपोर्ट करने से पहले आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे- गाड़ी के सारे कागज तैयार हो। इंश्योरेंस, आरसी और बाइक से जुड़े अन्य पेपर्स जरूर होने चाहिए। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट करते वक्त बाइक के पेट्रोल की टंकी पूरी तरह से खाली होनी चाहिए।

आपको 6 घंटे के भीतर बाइक प्राप्त करनी होगी

आपकी बाइक को उसी स्थान तक ले जाया जा सकता है। जहां से ट्रेन खुलती है और जहां तक ट्रेन को जानी है। मान लिजिए ट्रेन दिल्ली से खुलती है और बेंगलुरू तक जाती है तो उसके बीच में पड़ने वाले स्टेशन और अंत में बेंगलुरू तक ही आपके पार्सल को ले जाया जा सकता है। पार्सल को बेंगलुरू से आगे नहीं ले जा सकते। रेलवे के नियम के मुताबिक बाइक के ट्रांसपोर्टेशन की बुकिंग वहीं तक की जाएगी, जहां तक ट्रेन का सीधा संपर्क है। ट्रेन के गंतव्य तक पहुंचने के बाद आप 6 घंटे के अंदर अपनी बाइक रिसीव कर सकते हैं। यदि समय 6 घंटे से अधिक हो जाता है, तो आपसे हर घंटे अलग से शुल्क लिया जाता है।

कैसे करें पार्सल

पार्सल करने के लिए सबसे पहले आप अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन जाए। वहां आपको पार्सल से संबंधित सारी जानकारी पार्सल काउंटर से दी जाएगी। जानकारी हासिल करने के बाद आप अपने सारे कागजात को तैयार कर लें। दस्तावेजों की मूल प्रति और फोटोकॉपी दोनों ले जाएं। वेरिफिकेशन के समय ओरिजिनल कॉपी की जरूरत पड़ सकती है। जांचकर्मी आपकी बाइक के टैंक की जांच करेगा। इसके बाद बाइक की पैकिंग की जाएगी।

टैंक में तेल मिलने पर आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है

पैंकिग के लिए आपसे 300 रूपए के आस-पास चार्ज किया जा सकता है। ट्रेन पर पार्सल को रखने से पहले आपसे एक फॉर्म भरवाया जाएगा। इस फॉर्म में आपको प्राप्तकर्ता का नाम और पता, बाइक इंजन चेसिस नंबर आदि भरना होगा। अगर आप बाइक को लगेज के रूप में ले जाना चाहते हैं, तो भी आपको उसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। बस आपको लगेज के तौर पर बाइक ले जाते वक्त लगेज चार्ज देना होगा। ध्यान रहे कि यात्रा के दौरान लगेज की रसीद और ट्रेन का टिकट अपने साथ रखें। ट्रेन की लोडिंग के समय गौर करें की सही ट्रेन में आपकी बाइक लोड की जा रही है। बता दें कि बाइक की टैंक बिल्कुल खाली रखें। बाइक की टंकी में तेल मिलने पर रेलवे पुलिस की तरफ से आप पर 1 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

पार्सल करने में कितना लगता है भाड़ा

रेलवे के नियम के अनुसार सामान पार्सल करने के लिए आपसे वजन और दूरी के हिसाब से भाड़ा लिया जाता है। अगर आप बाइक को लगेज के रूप में ले जाना चाहते हैं तो आपसे अधिक भाड़ा लिया जाता है। वहीं अगर आप 500 किलोमीटर दूर तक बाइक भेजना चाहते हैं तो इसका औसत भाड़ा 1200 रूपये होगा। हालांकि यह एक अनुमानित किराया है, असल में थोड़ा भिन्न हो सकता है।

कोई भी करा सकता है बुकिंग?

अगर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन आपके नाम पर नहीं है, फिर भी आप अपनी आईडी से गाड़ी बुक करा सकते हैं, लेकिन गाड़ी की आरसी और बीमा के कागज जरूर होने चाहिए। बाइक को अच्छी तरह पैक करना चाहिए, ताकि उसमें कोई डैमेज न हो। पार्सल की बुकिंग सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होती है। अगर लगेज के तौर पर बुक कराना चाहते हैं तो इसे कभी भी बुक कराया जा सकता है।

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