लगातार सैन्य ताकत बढ़ा रहा है चीन फिर उसे क्यों नहीं मिलती दिख रही 'जीत'

लगातार सैन्य ताकत बढ़ा रहा है चीन फिर उसे क्यों नहीं मिलती दिख रही 'जीत'

 

लगातार सैन्य ताकत बढ़ा रहा है चीन फिर उसे क्यों नहीं मिलती दिख रही 'जीत'



चीन अपनी सैन्य क्षमताओं (Military Powers) और न्यक्लियर मिसाइलों (Nuclear Missiles) की टेस्टिंग बढ़ाकर दबाव बनाने का काम कर रहा है. ताइवान के मामले में वो सीधे अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा. वहीं भारत के साथ भी चल रहे सीमा विवाद में उसे मजबूत विरोध देखने को मिला है.


हांगकांग. बीते कुछ वर्षों में चीन (China) ने अपनी सैन्य शक्ति (Military Powers) में लगातार इजाफा किया है. ऐसा प्रदर्शित करने की कोशिश की जाती है कि चीनी सेना अजेय है. दरअसल बीजिंग चाहता है कि दुनिया के अन्य देश उसकी शक्ति को ‘अजेय’ मानें यही कारण है कि न्यूक्लियर मिसाइल की टेस्टिंग, ताइवान पर अनावश्यक दबाव, राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा ‘राष्ट्रीय संघर्ष’ की अपील जैसे बातें की जाती रहती हैं. हाल ही में चीन ने रूस के साथ नौसेना अभ्यास भी किया है. लेकिन इन सारी बातों के बावजूद चीन की ‘जीत’ कहीं भी निश्चित नहीं दिखती
चीन का सबसे गंभीर सीमा विवाद अभी भारत के साथ चल रहा है. कई दौर की वार्ता के बावजूद दोनों पक्षों में आम सहमति नहीं बन सकी है. इस बीच बीते 23 अक्टूबर को चीन की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 14 देशों के साथ लगनी वाली 22000 किलोमीटर लंबी सीमाओं के संबंध में एक कानून पास कर दिया है. इस कानून के तहत पड़ोसी देशों के साथ विवाद सुलझाने की जो रणनीति दी गई है उसके मुताबिक मामले ‘समानता के सिद्धांत, आपसी विश्वास, दोस्ताना बातचीत’ के आधार पर सुलझाए जाएंगे

इसके अलावा इस नए कानून के तहत चीन की सरकार को सीमा विवाद को सुलझाए के लिए ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे. इन सबके बीच चीन द्वारा लगातार न्यूक्लियर मिसाइलों की संख्या और टेस्टिंग बढ़ाए जाने को लेकर भी चर्चाएं हैं. मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर विपिन नारंग का कहना है कि बीते कई वर्षों से चीन को लग रहा है कि अमेरिका से न्यूक्लियर वेपन के मामले में बराबरी करने को लेकर प्रयास बढ़ाए जाने चाहिए. इसी क्रम में वो अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है


न्यूक्लियर टेस्टिंग के मामले में अमेरिका की रिसर्च ज्यादा अडवांस
नारंग का कहना है-ऐसा नहीं है कि चीन ऐसा सीधे तौर पर किसी हमले के लिए कर रहा है. लेकिन उसका विचार है कि अगर पारंपरिक युद्ध की स्थिति भी बनी तो न्यूक्लियर शक्ति के जरिए अमेरिका को पटखनी दी जा सकती है. हालांकि अमेरिका न्यूक्लियर वेपन के संबंध में कहीं ज्यादा अडवांस टेस्टिंग कर रहा है.

ताइवान पर दबाव बनाने की कोशिश
दरअसल अपनी बढ़ती सैन्य शक्ति के मद्देनजर इस वक्त चीन ताइवान पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन उसकी शक्ति के सामने ताइवान बिल्कुल झुकने को तैयार नहीं है. यानी चीन की दबाव बनाने की रणनीति फेल होती नजर आ रही है. कह सकते हैं उसके हाथ ‘हार’ ही लग रही है. वहीं अमेरिका ने भी ताइवान का साथ देने की बात लगातार दोहराई है.

भारत के साथ लगातार सीमा विवाद के बीच भी चीन को बेहद सख्त रुख का ही सामना करना पड़ा है. भारत ने विवाद को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि सीमाओं पर अशांति के साथ दोनों देशों के संबंध सामान्य नहीं हो सकते

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