आलू की सफल खेती
आलू एक ऐसी फसल है जो हमारे किसान भाई कम समय पर एक अच्छा मुनाफा निकाल सकते हैं अधिक उत्पादन के लिए कब कौन सी खाद देनी चाहिए आने वाली बीमारियों के समाधान एवं आलू की सफल खेती संपूर्ण जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़े
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Highlight Topic
(1). अनुकूल समय
(2). मिट्टी (Soil)
(3). जलवायु & तापमान
(4). खेत की तैयारी
(5). उन्नतशील किस्में
(6). SEEDS TREATMENT
(7). SOWING Distance
(8). प्रति एकड़ आलू की आवश्यकता
(9). बुवाई विधि
(10). खरपतवार की रोकथाम
(11). सिंचाई (irrigation system)
(12). Life cycle (जीवन चक्र)
(13). Spray Schedule
(14). Fertilizer Schedule
(15). कंद (Tuber) का विकास कैसे करें
(16). उत्पादन (Production)
(17). मुनाफा (Benefit)
(18). लागत (Per Acre Cost)
(19). Net Profit
(20). उत्पादक राज्य
(21). Potato Seeds Rate
(22).हार्वेस्टिंग (Harvesting)
(23). Porato मार्केटिंग रेट
(24). पाला से कैसे बचाएं
(25). सावधानी और देखभाल
(1). अनुकूल समय
अनुकूल समय:– अक्टूबर – नवंबर
1 नवंबर से 20 नवंबर
आलू की खेती करने के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है
(2). मिट्टी (Soil)
मिट्टी (soil):- आलू का सर्वाधिक उत्पादन के लिए Sandy Soil, रेतीली मिट्टी, पीली मिट्टी, काली दोमट, रेड मिट्टी एवं मीडियम ब्लैक भूमि उपज के लिए बेस्ट हैं
मृदा pH वैल्यू 5-6 पीएच होनी चाहिए
उत्तम जल निकास का प्रबंध हो एवं जल धारण की क्षमता के साथ-साथ उपयुक्त जीवाश्म पदार्थ बाली मिट्टी पर आप आलू की खेती कर सकते हैं
(3). जलवायु & तापमान
जलवायु & तापमान:-
आलू एक शुष्क और ठंडी जलवायु की फसल है जिसे रवि मौसम में उगाया जाता है आलू की खेती उन क्षेत्रों पर ना करें जहां पर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम और 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक का तापमान हो
अनुकूल तापक्रम:-
जर्मिनेशन के समय = 15 से 20 डिग्री सेल्सियस
कंद बनते समय = 20 से 22 डिग्री सेल्सियस
रात का तापमान = 18 से 5 डिग्री सेल्सियस
(एवरेज तापमान = 15 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापक्रम अनुकूल माना जाता है)
(4). खेत की तैयारी
खेत की तैयारी: –
सर्वप्रथम मीडियम गहराई में चलने वाले हल कल्टीवेटर से 1-2 जुताई कराएं एवं
बेसल डोज:- (Acre)
2 = ट्राली गोबर की खाद
25kg = जिप्सम
पूरे खेत में बिखेर कर मिट्टी को समतल भुरभुरी कराएं
और
Sowing के समय खाद:-
NPK 12-32-16 (150kg) उर्वरक खाद का प्रयोग करें
(प्र
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. उन्नतशील किस्में
उन्नतशील किस्में:-
(1). कुफरी पुखराज:-
Time – 90 से 95 दिनों में तैयार
उत्पादन – 16 टन
(2). कुफरी बादशाह:-
Time – 110 दिनों में तैयार
उत्पादन – 12 टन
(3). कुफरी ख्याति:-
Time – 100 से 110 दिनों में तैयार
उत्पादन – 13 टन
[इस वैरायटी में फूल लगते हैं]
(4). कुफरी हिमसोना:-
Time – 95 दिनों में तैयार
उत्पादन – 12/13 टन
(5). LR (लेडी रोसेटा):-
Time – 110 दिनों में तैयार
उत्पादन – 10/11 टन
आलू की यह वे वैरायटी है जो सर्वाधिक उत्पादन देती हैं आपको आलू की वैराइटी चयन करके ही उन्नतशील किस्मों को लगाना चाहिए
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(6). SEEDS TREATMENT
Seeds Treatment:-
100% अंकुरण एवं रोग बीमारी मुक्त आलू का जर्मिनेशन के लिए आलू को जरूर उपचारित करें आलू का बीज उपचार आप
१). BASF Xelora Fungicide
२). Bayer Emesto prime Fungicide या
३). Boric Acid
किसी भी प्रोडक्ट से बिज उपचार कर सकते हैं
(1)..(बीज उपचार) BASF Xelora fungicide
(Thiophanate Methyl 45% + Pyraclostrobin 5% FS)
10 से 12 लीटर पानी + 200ml xelora Fungicide घोल से 15 कुंटल आलू को उपचार कर सकते हैं
Or
(2)..(बीज उपचार ) Bayer Emesto prime fungicide
(Penflufen 24% FS)
10 से 12 लीटर पानी + 150ml Bayer Emesto prime fungicide घोल से 15 कुंटल आलू को उपचार कर सकते हैं
(7). SOWING Distance
Sowing Distance:-
सर्वप्रथम आलू की बुवाई के पूर्व 15 दिन पहले आलू खरीद लें और एक रूम के अंदर बैग से बाहर निकाल कर रख दें 15 दिनों के बाद अंकुरण आ जाए उसके बाद 25-25 ग्राम के टुकड़े काट लें ध्यान रहे एक टुकड़े में कम से कम 1 से 2 अंकुर होना जरूरी है
बुवाई आपको Potato प्लांटर से करनी चाहिए
Sowing Distance:-
Plant to plant distance = 10 to 15 सेंटीमीटर
Line to line distance = 45 सेंटीमीटर
Depth (गहराई) = 6-7 सेंटीमीटर
(8). प्रति एकड़ आलू की आवश्यकता
प्रति एकड़ आलू की आवश्यकता:-
यदि आप 1 एकड़ में बुवाई करते हैं तो लगभग 14 से 15 क्विंटल आलू सीट्स की जरूरत पड़ेगी
(9). बुवाई विधि
बुवाई विधि:-
हमारे भारत में आज भी सामान्य या परंपरागत तरीके से आलू की बुवाई की जाती है लेकिन यदि आप बेड विधि से आलू की खेती करते हैं तो कंदो का विकास एवं साइज ज्यादा होता है जिससे अधिक उपज प्राप्त होती है
(10). खरपतवार की रोकथाम
खरपतवार का नियंत्रण:-
आलू की फसल पर प्रमुख समस्याएं खरपतवार जोकि उपज को काफी मात्रा पर कम कर देते हैं और पीलापन ही समस्या आने लगती है
खरपतवार की रोकथाम दो तरीके से कर सकते हैं
पहला:- मजदूरों की सहायता से निराई गुड़ाई कराएं
दूसरा:- रासायनिक विधि से…
आलू बुवाई के तुरंत बाद स्प्रे :
Pre emergent herbicide
Metribuzin 70% WP (100gm/एकड़)
200 लीटर पानी में घोल का छिड़काव करें
(ध्यान रहें आलू अंकुरण के पहले ही स्प्रे करें)
इससे उगने वाले खरपतवार नियंत्रण पाया जा सकता है
(11). सिंचाई (irrigation system)
सिंचाई:-
आलू की फसल पर मिट्टी के अनुसार ही सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है
पहली सिंचाई बुवाई के जस्ट बाद एवं ठीक इसी प्रकार
7 से 8 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए
आलू की फसल पर 6-7 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है
(12). Life cycle (जीवन चक्र)
Life cycle:-
आलू की फसल 90 से लेकर 110 दिन में तैयार हो जाती है
कुछ वैरायटी 90 से 95 दिन में तैयार होती हैं
कुछ वैरायटी 110 से 115 दिन में तैयार होती है
(13). Spray Schedule
Spray Sechdule:-
आलू की फसल पर आने वाली बीमारियां एवं रोग:-
- Aphid
- सफेद मक्खी
- हरी इल्ली
- Late blight
- Early Blight
- Potato scab
आलू की फसल ठीक तरीके से वडवार ले एवं इन सभी रोग & बीमारियों की रोकथाम करने के लिए आलू की पैदावार अच्छी मिले उसके लिए स्प्रे Schedule
1st Spray :- वुबाई से 25वे दिन:
Carbendazim 12% + Mancozeb 63% WP = 40gm +
Chlorpyrifos 50% + Cypermethrin 5% EC = 30ml
[15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें]
2nd Spray :- वुबाई से 45वे दिन:
Basf Cabrio top fungicide = 30ml
[15 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें]
(14). Fertilizer Schedule
Fertilizer Schedule:-
आलू की फसल पर सबसे ज्यादा इन पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता पड़ती है
पोटाश
फास्फोरस
नाइट्रोजन
सल्फर
कैल्सियम
1st खाद Dose:-प्रति एकड़
आलू बुवाई से 25वे दिन:
यूरिया खाद = 45kg + सागरिका दानेदार 8/10kg
(प्रति एकड़ जड़ो के पास देकर सिंचाई करें)
(2nd खाद Dose :- प्रति एकड़
आलू बुवाई से 40-45वे दिन:
यूरिया खाद = 20kg + अमोनिया सल्फेट = 20kg
(प्रति एकड़ जड़ो के पास देकर सिंचाई करें)
(15). कंद (Tuber) का विकास कैसे करें
कंद का विकास:-
आलू की फसल 60 से 65 दिन की होती है तो मिट्टी के पास आप इन बढ़िया रिजल्ट देने वाली प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं
80ml = Paclobutrazole 23% SC+
250gm = Boron b20%
रेत में मिलाकर जड़ो के पास देकर सिंचाई करें
इससे कंद का विकास होगा और उपज बढ़ जाएगी
(16). उत्पादन (Production)
उत्पादन Production:-
आलू की 15 से 16 टन की दर से उपज प्राप्त होती है
(17). मुनाफा (Benefit)
मुनाफा:-
आलू की फसल में मुनाफा निर्भर करता है रेट पर आलू की खेती करके आप 1 एकड़ से 150000 से ₹170000 कमा सकते हैं
(18). लागत (Per Acre Cost)
लागत:-
आलू की फसल में बुवाई से लेकर अंत तक सभी खर्चे को मिलाकर लगभग ₹60000 से ₹70000 1 एकड़ का खर्च आता है
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(19). Net Profit
Net Profit:-
शुद्ध लाभ आलू की फसल में आप यदि अच्छा रेट प्राप्त होता है तो लगभग 3 महीनों में आप 1 एकड़ से सभी लागत को निकालकर ₹100000 कमा सकते हैं
(20). उत्पादक राज्य
आलू उत्पादक राज्य: –
आलू का सर्वाधिक उत्पादन गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल है
(21). Potato Seeds Rate
Seeds Rate:-
मार्केटिंग रेट मार्केटिंग सीड्स रेट निर्भर करता है बाजार के उतार-चढ़ाव पर कभी-कभी कीमतें कम और कभी-कभी कीमतें ज्यादा होती है यदि आप 1 एकड़ में 15 क्विंटल आलू को लगाते हैं तो लगभग 50000 से ₹60000 के आसपास खर्च आएगा
(22).हार्वेस्टिंग (Harvesting)
Harvesting:-
जब आलू की क्रॉप पककर तैयार हो जाए तब पोटैटो हार्वेस्टर की सहायता से या फिर मजदूरों की सहायता से आलू को बाहर निकालना चाहिए(
23). Porato मार्केटिंग रेट
Marketing rate:-
आलू की कीमतें बाजार भाव आवक पर निर्भर करता है
हमारी किसान भाइयों को उपज का 800 से ₹900 प्रति क्विंटल का रेट मिलता है
आलू की फसल पर मुनाफा निर्भर करता है बाजार भाव पर
(24). Potato Scab
Potato Scab:–
- रजिस्टेंस वैरायटी को ही लगाएं
- फसल चक्र अपनाएं
- नाइट्रोजन को आवश्यकता अनुसार पूर्ति करें
- बीज उपचार जरूर करें
- सिंचाई के साथ ट्राइकोडरमा का प्रयोग करें
- ओरिजिनल किस्मों का ही चुनाव करें
- निश्चित गहराई पर ही बुवाई करें
- जड़ों के पास नमी बनाए रखें
[caption id="attachment_1805" align="alignnone" width="275"]आलू की सफल खेती[/caption]
(25). पाला से कैसे बचाएं
- पाला से कैसे बचाएं:-
- आलू की फसल पर न्यूनतम तापमान की दशा पर ठंड यानी पाला लग जाता है जिससे फसल को काफी मात्रा पर नुकसान पहुंचता है ठंड के समय जब अधिक मात्रा पर तापक्रम नीचे जाए तब आप कुछ महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं
- रात में स्प्रिंकलर सिंचाई करें
- सल्फर की डस्टिंग करें
- खेत के चारों तरफ धुआं करें
- जड़ों के पास नमी बनाए रखें
(25). सावधानी और देखभाल
- सुरक्षित सावधानी और देखभाल:-
- आलू की फसल पर आवश्यकता अनुसार ही रासायनिक उर्वरक खादों का प्रयोग करें
- आलू की फसल पर यूरिया का निश्चित मात्रा का प्रयोग करें
- लेट ब्लाइट से बचाव के preventive उपाय अपनाएं
- खरपतवार का जमाव ना होने दें
- खेत के चारों तरफ साफ सफाई बनाए रखें
- ऑर्गेनिक खादो को भी प्रयोग करें
- जानकारी सही और सटीक होता भी आलू की खेती करें
- अनुभवी किसानों की सलाह जरूर लें
- इस पोस्ट के माध्यम से हमने अपना अनुभव शेयर किया है
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