Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय जरूर करें ये 4 दावे, नहीं तो बड़ा नुकसान
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ गई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि ऑफिशियल वेबसाइट incometax.gov.in पर जाकर आयकर रिटर्न या आईटीआर फाइलिंग (ITR filing) की जा सकती है. इनकम टैक्स फाइल करते समय ये 4 दावे कर टैक्स बचा सकते हैं.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि ऑफिशियल वेबसाइट incometax.gov.in पर जाकर आयकर रिटर्न या आईटीआर फाइलिंग (ITR filing) की जा सकती है. इनकम टैक्स फाइल करते समय ये 4 दावे कर टैक्स बचा सकते हैं.
1. बिना HRA के मकान किराए पर छूट
आप मकान किराये के रूप में दी गई राशि पर आयकर छूट चाहते हैं, तो सबसे पहली शर्त वेतनभोगी होना है. आपके वेतन में हाउस रेट अलाउंस (एचआरए) शामिल होता है, जिस पर आयकर की धारा 10(13ए) के तहत निश्चित सीमा तक टैक्स छूट दी जाती है.
2. बचत खाते के ब्याज पर कटौती
बैंक, डाकघर या बैंकिंग व्यवसाय करने वाली सहकारी समिति के बचत खाते पर अर्जित ब्याज को कुल आय में जोड़ा जाता है और स्लैब दरों पर कर लगाया जाता है. करदाता I-T अधिनियम की धारा 80TTA के तहत बचत खाते से ब्याज आय पर ₹10,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. यदि कुल राशि सीमा से नीचे आती है, तो पूरी राशि कर-मुक्त होगी. ध्यान दें कि फिक्स्ड, रेकरिंग या सावधि जमा से ब्याज आय पर यह कटौती की अनुमति नहीं है.
3. गैर-बीमित माता-पिता के चिकित्सा बिलों पर कटौती
ज्यादातर लोगों को टैक्स छूट पाने के लिए सेक्शन 80C और 80D की जानकारी तो रहती है, लेकिन इसके अलावा भी इनकम टैक्स एक्ट में ऐसे कई सेक्शन हैं, जिनकी मदद से आप इनकम टैक्स छूट पा सकते हैं. बीमा न केवल चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने में मदद करता है बल्कि टैक्स में छूट भी देता है. हालांकि, यदि आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, जो बीमा पॉलिसी के तहत कवर नहीं हैं, लेकिन वर्ष के दौरान चिकित्सा उपचार लिया है, तब भी आप उनके चिकित्सा बिलों पर कटौती का दावा कर सकते हैं.
सेक्शन 80D चिकित्सा खर्च पर कटौती के लिए है. इसके तहत खुद, परिवार और आश्रित माता-पिता के स्वास्थ्य के लिए भुगतान किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर कर बचा सकता है. स्वयं / परिवार के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए धारा 80 D कटौती की सीमा 25 हजार रुपए है. वरिष्ठ नागरिक भुगतान किए गए प्रीमियम पर 50 हजार रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं.
4. दान पर कटौती
आयकर कानून के सेक्शन 80G, 80GGA और 80GGC के तहत दान और चंदा दिए जाने पर टैक्स बेनिफिट प्राप्त करने का प्रावधान है. आयकर कानून का सेक्शन 80G कुछ निश्चित रिलीफ फंड्स और चैरिटेबल संस्थानों को डोनेशन या दान देकर टैक्स कटौती का लाभ पाने का विकल्प उपलब्ध कराता है. इसका फायदा व्यक्तिगत आयकरदाता, कंपनी, एचयूएफ और NRIs भी उठा सकते हैं. विदेशी संस्थान और राजनीतिक दलों को दिया गया दान या चंदा इसके दायरे में नहीं आता है. कटौती का क्लेम कुछ मामलों में 100 फीसदी तक तो कुछ में 50 फीसदी तक या किसी में बिना लिमिट वाला हो सकता है. दान चेक/ड्राफ्ट या कैश में दिया जा सकता है.
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